Thursday, December 3, 2009

अर्थशास्त्र

एक सौ बीस रुपये में बिकता
समस्त जीवन का अर्थ
ग्यारह लाइनों में सिमटा 
ग्यारह हज़ार वेदनाओं का दर्शन
सेकंड-हैण्ड किताबों के बीच, अनछुआ,
एक कवि का इतिहास 

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