Saturday, December 5, 2009

यंग इण्डिया

कॉफ़ी शॉप पे बैठा  
युवा  ग्रुप 
चर्चा का विषय 
सोनल का देहाती एक्सेंट 
ठहाकों के बीच
सहसा एक आवाज़ 
जैसे आता देख 
दूध में उबाल
कोई चिल्लाई हो
" पिज़्ज़ा खाना है! "

एक लड़के ने मोबाइल उठाया 
होम डेलिवेरी का नंबर मिलाया
महत्त्वाकांक्षाओं से 'बर्स्ट'  होते
यंग इण्डिया ने
' चीज़ बर्स्ट ' पिज़्ज़ा मंगवाया

3 comments:

Prashant Singh said...

cheez....hmmm the sacrifice of vegan ,source of poetry ?

the who said...

hehe.. poets (i take the liberty of calling myself one for the lack of a more fitting term) have the knack of romanticizing the basest of their desires :P

Prashant Singh said...

i guess u shuld rename this post as cheezy desires